इंतज़ार
आइ एम रिअली वेरी सोरी , मैं उस दिन घर नहीं आ सका. नहीं... कोई बात नहीं... मुझे इंतज़ार करना पसंद है ओह.. सच तुम मेरा इंतज़ार कर रही थी ? हाँ... शायद... या इस बात का कि तुम आओ ही न और ज़िन्दगी बस यूँही एक इंतज़ार में कट जाये... *-------------------------------*----------------------------------* "ज़िन्दगी क्या है?" "एक लम्बा इंतज़ार ! प्यार... और फिर बिछड़ जाने का डर ..." *----------------------------------*--------------------------------* कभी खुद को रोक नहीं पाती और पतझड़ कि टूटी टहनी सी गिर पड़ती हूँ...धीरे से खुद से पूछती हूँ... क्यूँ तोडा वो मौन, वो अंतहीन इंतज़ार...? ... फिर एक हवा कंपकपाती छु कर निकलती है... भीतर ही कहीं से आवाज़ आती है...इंतज़ार का ही नया एक अध्याय शुरू करने के लिए...