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पंखो का शरीर

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मेरे कमरे के सामने वाले घर के पीछे यानी मेरे कमरे के सामने एक कबूतर के जोड़े ने गीज़र के उपर डेरा बसाया है ---- कई दिनों बाद आज मैंने उन्हें गौर से देखा - कबूतरी परेशान है कबूतर लाचार है कबूतरी पेट से है कबूतर उसके पास है कबूतरी को एक पल चैन नहीं उसके पंखो में कुछ काट रहा है कबूतर बिलकुल शांत है कबूतरी अपनी चौंच से कोशिश कर रही है कबूतर चुप चाप बैठा उसे ताक रहा है क्यूंकि कबूतरी परेशान है , मुझे लगता है कबूतर थोडा गंभीर है, में खड़ी खड़ी लाचारी से सब कुछ देख रही हूँ उससे भी बढ़कर महसूस कर रही हूँ. रह रह कर "अमेरिकेन ब्यूटी " फिल्म का हीरो याद आ रहा है, संसार में असंख्य खूबसूरती बिखरी हुई है, ओर फिर खूबसूरती सिर्फ ख़ुशी से ही तो पैदा नहीं होती न. कबूतरी उसके पंखो के शरीर में अपनी चोंच चुभा चुभा कर खुद को आराम दे रही है... मुझे उसका पंखो का शरीर लुभा रहा है , ओर एक अरसे तक में उसे यूँही एक तक देखती हूँ....