दो फूल खिले भिन्न भिन्न क्यारियों में भिन्न रूप , भिन्न रंग , और भिन्न जीवन जीने की तैयारियों में. एक मंजिल और एक सोच दोनों यूँ बन गए दोस्त. पर था भिन्न पथ और भिन्न जीवन की शाखा छा गयी ऐसे जीवन में निराशा. फिर भी दोनों ने न खोया अपना होश, संग सौ गुने विश्वास के लगाया दुगुना जोश एक दिन आया ऐसा, उनकी महक हुई एकाकार, रचाया फिर उन्होंने भिन्न एक सुगंध का संसार.