"मैं तुम्हारे जन्मदिन पर क्या दूं? कोई शब्द, कविता या..." कुछ नहीं! बस तुम्हारी यादों से रहित एक मौन कि गूँज . P.S. - On your birthday (Image source : Google)
किसी ने सच कहा था कभी किसी शहर से दिल मत लगाना तुम आगे न भी बढोगे शहर पीछे छुट जाएगा... *...............................* ग़ज़लें, कुछ नज्मे और कहीं कुछ त्रिवेनियाँ बिखरी पड़ी हैं उठा लेना उन्हें सूरज ढलने से पहले सुना है रात बड़ी गहरी होती है इस शहर में. *..............................*
कितना गहरा और उज्जवल शब्द है यह - रूह! ऐसा लगता है, जैसे , हवा से भी हल्का एक सफ़ेद जिन्न शरीर से मेरे निकल कर इस कठोर धरती को चीरता हुआ किसी खोज में निकल पड़ा हो... एक अनंत खोज में...