ज़िन्दगी में हर पल सीखने का पल होता है। कभी आप मुस्कुराना सीख रहे होते हैं कभी खिलखिलाना , कभी चलना तो कभी आसमां में उड़ान भरना , कभी जीने की कला तो कभी जीवन को और सुंदर बनाने की कला। मेरे अनुसार व्यक्ति को सबसे पहले जीवन जीने की कला सीखनी चाहिए, और इसे हर पल सीखते रहना चाहिए, क्यूंकि जीवन के हर मोड़ पर नयी समस्या , नयी चुनौतियाँ हमें और तराशने के लिए हमारा इंतज़ार कर रही होती हैं। 2014 फरवरी में शादी के बाद मेरे सामने नए लोग , नया माहौल था जिसमे एडजस्ट करने का सफर बहुत मुश्किल भरा था। 2015 का भी पूरा साल अपने बाहर और भीतर कई परिवर्तन करने में , कई बातें सीखने में गुज़र गया किन्तु 2015 में मैंने पाया की मैं पहले से अधिक स्थिर , समझदार , शान्त , आशावादी और अपने लक्ष्य के लिए अधिक प्रयत्नशील हुई हूँ। तो पांच बातें जो मैंने वर्ष 2015 में सीखीं और जीवन में अपनाईं वे हैं - १. दिमाग को क्लीन रखना - लोगों की कही हुई बातों को दिल से लगा कर दिमाग में स्टोर करने से दिमाग डस्ट बीन बन जाता है। और ये मेरा दिमाग है कोई डस्ट बीन तो नहीं। आगे चल कर दिमाग की यह गन्दगी क