क्या तुम्हे नहीं लगता बढ़ता ही जा रहा है ये प्रेम दरिया या कि जैसे बसंत अब मुस्कुरा रही हो शीत में भी ? ***** क्यों मैं देखने लग गयी हूँ बताओ तुम्हारी ही सूरत में मेरे अजन्मे बेटे कि मासूमियत? *****
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