Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps September 14, 2010 क्या तुम्हे नहीं लगता बढ़ता ही जा रहा है ये प्रेम दरिया या कि जैसे बसंत अब मुस्कुरा रही हो शीत में भी ? ***** क्यों मैं देखने लग गयी हूँ बताओ तुम्हारी ही सूरत में मेरे अजन्मे बेटे कि मासूमियत? ***** Read more