अज्ञात


अज्ञात !!
ये तुम्हारे लिए
तुम्हारे उन शब्दों के लिए
जिन्होंने मुझे दो पल के लिए छुआ...

हाँ अब तुम नहीं हो,
पर हो आस-पास
क्यूंकि हर ख़ास एहसास कि तरह
हो तुम भी एक अज्ञात. 


Comments

  1. सारे लम्हें, सारे पलछिन
    हर बात पता तू रखता हैं
    मेरे अन्दर धड़कन धड़कन
    ख्वाबों संग ही पलता हैं
    आइनों से पूछे पगला,
    ...अज्ञात भला तू लगता हैं?

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  2. aainon se pooche 'pagli'
    agyaat bhala tu 'kya' lagta hai?

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