" मिसेज मेहता , आइरिस ने अपनी सफलता का श्रेय आपकी परवरिश को दिया है , इस बारे में आप कुछ कहना चाहेंगी ? " मुक्त हंसी के साथ श्रेया मेहता पत्रकार को जवाब में कहने लगी , " अच्छा! तो अब वो इतनी समझदार भी हो गयी है ..." पत्रकार जैसे कुछ समझ न पायी हो , ऐसा एक्सप्रेशन देती है , तो श्रेया फिर कहने लगी ...पर अबकी बार थोड़ी गंभीरता भरे स्वर में .. " हाँ.. कभी कभी मुझे भी लगता है... शादी से पहले में इतनी रिबेलिअस थी ...पर कुछ न कर सकी ... यहाँ तक कि शादी भी खुद कि मर्ज़ी से नहीं कर सकी.. और फिर एक लम्बी लिस्ट है कि मैं क्या क्या नहीं कर सकी और किस वजह से...तभी से मैंने यह तय किया कि मेरे साथ जो होना था वो हो गया लेकिन अपने बच्चो को मैं ऐसी परवरिश दूंगी कि .... कि कल को उन्हें ये न लगे कि वो अपनी नहीं किसी और कि ज़िन्दगी ढो रहे हैं... मैं चाहती थी कि मेरे बच्चे ज़िन्दगी जिए... ओर वो भी खुद कि बनायी हुई..." पत्रकार अभी भी संतुष्ट नहीं दिखी , फिर जोर देकर बोली , " पर ऐसा क्या ख़ास सिखाया आपने अपने बच्चो को? " फिर से मुक्त हंसी कि लहर हवा में समां...