एक प्रेम
एक प्रेम
जी रही हूँ मन ही मन मैं
उनके संग
एक प्रेम
जीना नहीं चाहती
जीवन भर
बस पल और अनगिनत पल
जी रही हूँ उसके संग
एक प्रेम
झूठ है
प्रेम नहीं
बस कमी पूर्ति है
जीना पड़ रहा है
कुछ के संग...
एक प्रेम
बचा लिया था
स्वयं के लिए
उसी के टुकड़े
बाँट रही हूँ सभी को
जो बचा नहीं पाए
एक टुकड़ा स्वयं के लिए...
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