ठूंठ !
हिम्मत करके कॉलेज के सेकेण्ड इयर में मैंने हिन्दी की एक मैगजीन में अपनी एक कविता छपने के लिए दी। परन्तु शायद वो पेनल को पसंद नही आई और वो नही छपी । थोड़ा दुःख तोह हुआ और शुरुवाती कोंफिड़ेंस भी लूज़ हो गया पर फिर मुझे याद आया की निराली जी की भी तोह पहली कविता "जूही की कलि" महवीर द्विवेदी जी ने "सरस्वती " पत्रिका में नही छपी। आप यकीन नही मानेंगे आज तक मुझे वो किस्सा याद है और तस्सली बंधी हुई है की शायद जिस तरह निराली जी ने ऊँचाई प्राप्त की में भी कर सकू। :)
खैर में अपनी वो कविता ब्लॉग पर लिखना चाहती हूँ की आप लोग मुझे सही आकलन करके बता सके । मेरी ये पसंदीदा रचना है।
ठूंठ
एक ठूंठ खड़ा है शायद बरसो से
जिसकी जडें बहुत गहरी हैं
शायद किसी मौसम में वो हरा होता है
पर जब भी में देखती हूँ
तोह वह ठूंठ ही दीखता है
जाने क्यूँ पर में ही उसे देखना चाहती हूँ
इसीलिए क्यूंकि शायद
मेरे अंदर भी कहीं कोई ठूंठ है
जिसकी जडें बहुत गहरी हैं
जो किसी मौसम में तोह हरा होता है
पर जब भी में अंदर झांकती हूँ
जाने क्यूँ मुझे वो ठूंठ ही दीखता है।
खैर में अपनी वो कविता ब्लॉग पर लिखना चाहती हूँ की आप लोग मुझे सही आकलन करके बता सके । मेरी ये पसंदीदा रचना है।
ठूंठ
एक ठूंठ खड़ा है शायद बरसो से
जिसकी जडें बहुत गहरी हैं
शायद किसी मौसम में वो हरा होता है
पर जब भी में देखती हूँ
तोह वह ठूंठ ही दीखता है
जाने क्यूँ पर में ही उसे देखना चाहती हूँ
इसीलिए क्यूंकि शायद
मेरे अंदर भी कहीं कोई ठूंठ है
जिसकी जडें बहुत गहरी हैं
जो किसी मौसम में तोह हरा होता है
पर जब भी में अंदर झांकती हूँ
जाने क्यूँ मुझे वो ठूंठ ही दीखता है।
ठूंठ हरदम ठूंठ नहीं रहेगा. कभी ना कभी तो आएगा वसंत.
ReplyDeleteissi umeed per toh duniya kayam hai :)
ReplyDelete"thut" rachna pasand aayi, pryaas atyadhik sarahniy hai
ReplyDeletemah dear mehta soon u'll get something special in ur lyf!mah wishes r wid u!tc God bless u!
ReplyDeleteThanks people for ur encouragement :)
ReplyDeleteठूंठ- this is a gret effort, and yes i do remember"Nirala ji's and mahavir Prasad ji's theory which you had mentioned.baki saare blogs bhi sochinya aur sarahaniya hai, em lucky that your comment on the topic"In a bad bad virtual world" got me here and iam the same anonymous.
ReplyDeletekeep writing more......
Thank you! But who is this anonymous may I know? I would like to know dat person in reality. :)
ReplyDeleteTake care!
N I would like to see your encouraging comment again but not as anonymously :)