कविता
कविता क्या सिर्फ़ शब्दों का जमावड़ा है
मन के जज्बात कुछ नही?
भारी भारी शब्दों का अखाड़ा है
दिल की भावना कुछ नही?
जो सोचते हैं की
खड़ा करेंगे कविता का महल
एक एक ईंट सोने की चुनकर
आभा बढ़ाने के लिए
ग़लत सोचते हैं।
कविता तो एक कुटिया है
मन दिल और मस्तिष्क के
कोने कोने से तिनकों को चुनकर
बनाया गया घोंसला है।
कविता कोई मजदूरी नही
वह तो सबुरी ह
शांत सुंदर अभिव्यक्ति
अशांत मन की!
मन के जज्बात कुछ नही?
भारी भारी शब्दों का अखाड़ा है
दिल की भावना कुछ नही?
जो सोचते हैं की
खड़ा करेंगे कविता का महल
एक एक ईंट सोने की चुनकर
आभा बढ़ाने के लिए
ग़लत सोचते हैं।
कविता तो एक कुटिया है
मन दिल और मस्तिष्क के
कोने कोने से तिनकों को चुनकर
बनाया गया घोंसला है।
कविता कोई मजदूरी नही
वह तो सबुरी ह
शांत सुंदर अभिव्यक्ति
अशांत मन की!
kavita ki paribhasha acchi lagi
ReplyDelete:)