स्पेक्स से झांकती वो जुड़वाँ आँखें...
डरी डरी सी सहमी आँखें ,
कहती फिर रूकती कुछ सोचती सी आँखें ।
ख्यालों में डूबी , उडती या तैरती सी आखें,
जागी सी हैं फिर क्यूँ लगे सोती सी आँखें।
रोती रहे फिर क्यूँ दिखे हंसती सी आँखें,
कुछ दिखाती बाकी सब छिपाती सी आँखें।
खुद से जाने क्या बतियाती सी आँखें,
झपकती , खुलती , फुदकती सी आँखें।
मस्ती भरी खिलखिलाती सी आँखें,
कभी कभी छलछलाती सी आँखे ।
प्यार से पुचकारती,
तो कभी शर्माती सी आँखें।
स्पेक्स के दायरे में सिमित ,
एक अलग संसार सी आँखें...
स्पेक्स से झांकती वो जुड़वाँ आँखें...
सुन्दर कविता बधाई ।
ReplyDeleteआपकी कविता अच्छी लगी, खास तौर पर शब्द व्यंजना सुंदर है
ReplyDelete, आशा है आगे भी अच्छी रचनायें सामने आयेंगी.
iyerexpressions.blogspot.com
सरल सहज सुंदर.एक चश्मीश लड़की की मानिन्द.
ReplyDeleteEyes from different prospective !!This is nice !! Beautiful words again !!
ReplyDeleteaap sabhi ko dhanyavaa...
ReplyDeletejab kavita bani aur post ki tab tak yahi socha tha ki ... ye kisi ko pasand aane layak bhi hai?... per dil ki bhavnaayien jab shabdo mein utaar hi dee to post bhi kar di... :) ye kavita aap logon ko pasand aayi ye jaan kar bahut khushi hui..
जरूर शैतानी भी करती होंगी ये आँखें
ReplyDeleteस्वागत !
सेटिंग में जाके वर्ड वेरिफिकेशन डिसएबल कर लो
कमेंट्स देना हमारे लिए आसान हो जाएगा ।
बहुत सुन्दर हैं ये आँखे !!
ReplyDeleteस्वागत !
लिखती रहें !
इन आंखों की बदौलत दिल पे आफ़त आ ही जाती है
ReplyDeleteनज़र कोई न कोई अच्छी सूरत आ ही जाती है ॥----बधाई .
aap sabhi ka punah dhanyavaad...
ReplyDelete@Kusum ji - bahut shaitani karti hain ye aankhein...
@Ulook - aankhon ki taarif ke liye sukriya
@shyam ji - sunder panktiyan... :)
आँखों का सुंदर और विस्त्रित वर्णन, अच्छी रचना
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी टिप्पणियां दें
Eyes ... one of the most beautuful creation of god...lovely poem!
ReplyDeleteआपकी कविता अच्छी लगी, खास तौर पर शब्द व्यंजना सुंदर है
ReplyDelete, आशा है आगे भी अच्छी रचनायें सामने आयेंगी.