हँसते रहना
खिलखिलाते रहना
दो कदम पर ही घर है मेरा
ऐसे ही साथ निभाते रहना
कभी हो जाऊ नज़रों से ओझल
मेरे गीत सदा गुनगुनाते रहना
चाँद सिक्कों के लिए नही जीते ज़िन्दगी अपनी
ख्वाब सोती आँखों को दिखाते रहना
आंसुओ को पीने में मज़ा ही क्या है
प्रेम की अमृत बूँद पिलाते रहना
a real gud motivational gazal, keep goin :)
ReplyDeleteachcha hai ji...nice writing...keep it up.
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